रूप का तिलिस्म जब अरूप का सामना करे, तो बेचैनियां बढ़ जाती हैं...
Tuesday, March 19, 2013
प्रेम की सौगात
बड़ा मज़बूत है तेरी यादों का दरख़्त वक्त की आंधियों ने भी अब झुका लिया है सर छोड़ो शिकवे सारे और चूम भी लो अब फूलों की पंखुडियां कि जाते बसंत ने प्रेम की सौगात भेजी है.... तस्वीर--मेरे गमले में खिला मौसम का पहला बेली का फूल
8 comments:
सुंदर अभिव्यक्ति,,,,
Recent Post: सर्वोत्तम कृषक पुरस्कार,
बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति,आभार.
.बहुत सुन्दर भावनात्मक प्रस्तुति आभार हाय रे .!..मोदी का दिमाग ................... .महिलाओं के लिए एक नयी सौगात आज ही जुड़ें WOMAN ABOUT MAN
कितनी खूबसूरत सौगात भेजी है
बसंत ने जाते-जाते ,सुंदर रचना और भी ज़्यादा
सुंदर चित्र .....साभार ...
सुन्दर रचना !!
prem ki khoobshurat saugat,sundar shrijan
चूम भी लो अब
फूलों की पंखुडियां
कि जाते बसंत ने
प्रेम की सौगात भेजी है...sunder pyar ki maheen anubhuti
वाह... फूलों की नाज़ुक पंखुड़ियों से खूबसूरत प्यार की सौगात और क्या हो सकती है... बहुत सुन्दर
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