रूप का तिलिस्म जब अरूप का सामना करे, तो बेचैनियां बढ़ जाती हैं...
चले भी आओ
सूरज डूबने को है
कि इंतजार के अँधेरे में
कहीं गुम हो के न हम रह जाएँ ...
सुन्दर
सुंदर अभिव्यक्ति
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सुन्दर
सुन्दर
सुंदर अभिव्यक्ति
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