Thursday, August 26, 2021

प्रेम-लहरी




 

                        कि‍सी को प्रेम करने से पहले  

     सीखो,

पहाड़ की अडि‍गता, नदी सा बहना 

तभी हवाऍं गुनगुनाऍंगी 

प्रेम-लहरी 


3 comments:

अनीता सैनी said...

वाह!👌

दिगम्बर नासवा said...

क्या बात ...
हवाओं को सुन पाए तो प्रेम भी हो जाएगा ...

Onkar said...

सराहनीय