आओ न
फिर कभी मेरे इंतजार में
तुम तन्हा उदास बैठो
और दूर खड़ी होकर
मैं तुम्हारी बेचैनी देखूंगी...
फिर कभी मेरे इंतजार में
तुम तन्हा उदास बैठो
और दूर खड़ी होकर
मैं तुम्हारी बेचैनी देखूंगी...
आओ न...
मिल जाओ कभी
राहों में बाहें फैलाए
मैं निकल जाऊँगी कतराकर मगर
खुद को उनमें समाया देखूंगी......
मिल जाओ कभी
राहों में बाहें फैलाए
मैं निकल जाऊँगी कतराकर मगर
खुद को उनमें समाया देखूंगी......
आओ न...
फिर से अजनबी बनकर
मेरा रास्ता रोको..मुझसे बात करो
मुझे लेकर दूर कहीं निकल जाओ
वादा है मेरा, झपकने न दूंगी पलकें
बस, तुममें ही डूबकर जिंदगी बसर करूंगी......।
फिर से अजनबी बनकर
मेरा रास्ता रोको..मुझसे बात करो
मुझे लेकर दूर कहीं निकल जाओ
वादा है मेरा, झपकने न दूंगी पलकें
बस, तुममें ही डूबकर जिंदगी बसर करूंगी......।
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