Saturday, February 20, 2016

कत्‍थई है आंखे तुम्‍हारी.....


झांककर आंखों में
जरा सा झुक
कानों में उसने कहा
मैं न कहता था
कत्‍थई है आंखे तुम्‍हारी
बबूल से झांकती
चटख धूप भी शरमा सी गई......