Thursday, March 13, 2014

बदल गए हो तुम.....


आंखों में चुभ रही हों किरचें 
तो मैं
नि‍काल दूं उन्‍हें बीनकर
दि‍ल में चुभी फांस को
नि‍कालूं कैसे.....
शब्‍दों के प्रहार से
आहत मन हुआ तार-तार
कि‍तने बदल गए हो तुम
ये बात तुम्‍हें 
बताऊं कैसे..

2 comments:

poonam said...

uff yah pyaar bhi na...

संजय भास्‍कर said...

बहुत सुन्दर...
होली मुबारक हो :-)