का़यनात की खूबसूरती ..
पिछले दिनों
मैंने जमा किए थे
अपने हाथों में
ढेर सारे जुगनू
धनक के सारे रंग
खूबसूरत फूलों पर
मंडराने वाली
रंग-बिरंगी तितलियां
बस एक तेरी खा़तिर
अब जब तू ही नहीं
मैं खोल देती हूं हथेली
उड़ा देती हूं सारे रंग
यूं भी
हथेलियों में
कैद नहीं करनी चाहिए
का़यनात की खूबसूरती ...
तस्वीर--साभार गूगल
7 comments:
बहुत सुन्दर
bahut sundar jugnu ki tarah chmkti rachna
भावो को खुबसूरत शब्द दिए है अपने...
बढ़िया है आदरेया-
आभार -
उम्दा प्रस्तुति...बहुत बहुत बधाई...
का़यनात की खूबसूरती ..जैसे पोस्ट
इंसान कि जमा व अधित्पत्य करने की आदत पर सुन्दर अभिव्यक्ति.कायनात ने खूबसूरती देखने व आनंद लेने को बनाई है.कुछ लोगों के कैद करने को नहीं.
बहुत सुन्दर
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