Monday, November 11, 2013

अब तोते में नहीं बसती जान.....


तुम्‍हें पता भी है
अब कि‍सी की जान
पिंजरे वाले तोते में नहीं बसती
मारना चाहो तो
बस एक फूंक मार दो
रि‍श्‍ते यूं भी
कागजी़ फूल से होते हैं इन दि‍नों......

तस्‍वीर--साभार गूगल

7 comments:

vandana gupta said...

kitni sachchi bat kahi hai

दिगम्बर नासवा said...

कागज़ से रिश्ते .. बहुत खूब ...

रविकर said...


सुन्दर प्रस्तुति-
आभार आदरेया

Rajesh Kumari said...

आपकी इस उत्कृष्ट प्रविष्टि की चर्चा कल मंगल वार १२ /११/१३ को चर्चामंच पर राजेशकुमारी द्वारा की जायेगी आपका वहाँ हार्दिक स्वागत है

travel ufo said...

badhiya

अजय कुमार झा said...

वाह जी बहुत अच्छे

RITA GUPTA said...

wah !!!