Tuesday, July 16, 2013

हमें खुद पे गुमां हो जाएं.....

 
इस कदर भी ना चाहो तुम, कि हमें खुद पे गुमां हो जाएं ।
खुशि‍यां भरते रहो मेरे दामन में, हम कद से आस्मां हो जाएं ।।


फूल नहीं, कांटे भी मेरी राहों के तुम पलकों से उठाते हो ।...
 महफ़ूज हर शै पा हम, कहीं तुमसे ही न बदगुमां हो जाएं ।।


अलफ़ाज़ पे मेरे न जाओ, दि‍ल जो कहता है वो समझो।
बनाकर सांस रखो सीने में, हम तेरी आदतों में शुमार हो जाएँ ।।


ज़माने की साजिशों से घबरा, जब हो बेबस तुम्हें पुकारने लगे  'रश्‍मि'।
सुनकर सदा चले आना, ऐसा न हो इंतजार में ही हम फनां हो जाएं।।

 
 
तस्‍वीर--सूर्य मंदिर के पीछे मेरे हाथों में सफेद फूल...

24 comments:

महेन्द्र श्रीवास्तव said...

बहुत सुंदर

ताऊ रामपुरिया said...

अलफ़ाज़ पे मेरे न जाओ, दि‍ल जो कहता है वो समझो।
बनाकर सांस रखो सीने में, हम तेरी आदतों में शुमार हो जाएँ ।।

वाह, लाजवाब रचना.

रामराम.

shashi purwar said...

बेहद सुन्दर प्रस्तुतीकरण ....!!
आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल बुधवार (17-07-2013) को में” उफ़ ये बारिश और पुरसूकून जिंदगी ..........बुधवारीय चर्चा १३७५ !! चर्चा मंच पर भी होगी!
सादर...!
शशि पुरवार

Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टून said...

वाह जी

बल्‍ले बल्‍ले

dr.mahendrag said...

बनाकर सांस रखो सीने में, हम तेरी आदतों में शुमार हो जाएँ
बहुत अच्छे भावों से लिखी गयी रचना

कालीपद "प्रसाद" said...

ज़माने की साजिशों से घबरा, जब हो बेबस तुम्हें पुकारने लगे 'रश्‍मि'।
सुनकर सदा चले आना, ऐसा न हो इंतजार में ही हम फनां हो जाएं।।
डैश बोर्ड पर पाता हूँ आपकी रचना, अनुशरण कर ब्लॉग को
अनुशरण कर मेरे ब्लॉग को अनुभव करे मेरी अनुभूति को
latest post सुख -दुःख

मेरा मन पंछी सा said...

बहुत ही सुन्दर रचना...
:-)

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया said...

बहुत उम्दा,सुंदर सृजन,,,वाह !!! क्या बात है

RECENT POST : अभी भी आशा है,

सुशील कुमार जोशी said...

बहुत खूब वाह !

Ramakant Singh said...

BEHATARIN

Dr. Shorya said...

बहुत सुंदर, शुभकामनाये

यहाँ भी पधारे
दिल चाहता है
http://shoryamalik.blogspot.in/2013/07/blog-post_971.html

वसुन्धरा पाण्डेय said...

हमे भी आपकी आदत पड़ती जा रही है ...बहुत सुन्दर...!!

Anju (Anu) Chaudhary said...

waah bahut khub

Asha Joglekar said...

मोहब्बत में ऐसा गुमां भी एक अजीब सुख देता है ।

virendra sharma said...

माशा अल्लाह बहुत अच्छा लिखा है मर्बेह्वा .

दिगम्बर नासवा said...

अलफ़ाज़ पे मेरे न जाओ, दि‍ल जो कहता है वो समझो।
बनाकर सांस रखो सीने में, हम तेरी आदतों में शुमार हो जाएँ ...

बहुत ही लाजवाब शेर है ... एहसास को छूता है ...

विभूति" said...

बहुत ही गहरे भावो की अभिवयक्ति......

Unknown said...

बहुत सुंदर, शुभकामनाये
यहाँ भी पधारे
http://saxenamadanmohan.blogspot.in/

Kailash Sharma said...

फूल नहीं, कांटे भी मेरी राहों के तुम पलकों से उठाते हो ।...
महफ़ूज हर शै पा हम, कहीं तुमसे ही न बदगुमां हो जाएं ।।

...बहुत खूबसूरत प्रस्तुति....

Tamasha-E-Zindagi said...

बहुत खूब |

nayee dunia said...

बहुत सुन्दर रचना

ashokkhachar56@gmail.com said...

बहुत सुंदर अभिव्यक्ति .....!!

ashokkhachar56@gmail.com said...

बहुत अच्छी रचना, बहुत सुंदर

Mahesh Barmate "Maahi" said...

bahut khoob :)