Monday, April 1, 2013

उदासी मेरे जैसी.....



ये उदासी मेरे जैसी है, ये प्‍यार तेरे जैसा है

मैं खुद को खुद से मि‍लने नहीं देती
तू मुझको पास अपने आने नहीं देता

तेरा प्‍यार शीशी बंद खुश्‍बू, उड़ जाएगा
मेरा प्‍यार चंदन, घि‍सकर और महकता है

ये उदासी मेरे जैसी है, ये प्‍यार तेरे जैसा है

तस्‍वीर--साभार गूगल

5 comments:

Harihar (विकेश कुमार बडोला) said...

तेरा मेरा साथ होकर भी साथ नहीं....यही दर्दभरा भाव है इन पंक्तियों का, जो बहुत दुखदायी है।

Rajendra kumar said...

बहुत ही भावपूर्ण एहसास,आभार.

मेरा मन पंछी सा said...

कोमल भावनात्मक रचना...

Unknown said...

बहुत सुन्दर और भावपूर्ण

Unknown said...

बहुत सुन्दर और भावपूर्ण