Tuesday, March 12, 2013

बता दो अपनी यादों को.....

कौन करेगा हद मुकर्रर
मेरी चाहत
और तुम्‍हारी बेख्‍़याली की

कि‍ चांद आकाश में 
आज भी है पूरा
और मैं तुम बि‍न अधूरी

पढ़ा है मैंने अनाधिकार प्रवेश वर्जित है
आज बता ही दो अपनी यादों को तुम भी ये बात.....


तस्‍वीर--साभार गूगल 

9 comments:

डॉ. मोनिका शर्मा said...

स्मृतियाँ कहाँ सुनती हैं...?

रविकर said...

सुन्दर प्रस्तुति-
आभार आदरेया-

Rajendra kumar said...

बहुत ही सुन्दर,आभार.

दिगम्बर नासवा said...

खूबसूरत ख्याल को शब्दों का जादुई जामा पहना दिया है ....
बहुत खूब ...

sangita said...



बहुत ही सुन्दर,आभार.

dr.mahendrag said...

पढ़ा है मैंने अनाधिकार प्रवेश वर्जित है
आज बता ही दो अपनी यादों को तुम भी ये बात....
स्मृतियों का भी अपना अलग संसार होता है,रोके कहाँ रूकती है.अच्छी भावना पूर्ण रचना

मेरा मन पंछी सा said...

बहुत सुन्दर भाव...
सुन्दर रचना....

अज़ीज़ जौनपुरी said...

खूबसूरत ख्याल

Unknown said...

इस छोटी सी नज़्म ने कोई गुंजाइश नहीं रखी कि पढ़ने वाला कुछ कह सके। अप्रतिम! प्रशंसा के लिए शब्द कम पड़ेंगे।