Thursday, February 28, 2013

जानां.......हम और तुम



हम-तुम यूं हो
न हो सकेगा ऐसा कभी
जो मि‍ल जाए
एक पल भी
जिंदगी में

क़ायनात ठुकरा दूं उस पल की ख़ाति‍र
जानां,
सब मेरे अख्‍ति‍यार में है
बस एक तुम ही नहीं.......

* * * * * * *


बस..
सुनकर, इक तेरा नाम
कोई गुदगुदा जाता है मुझे
मुस्‍कान की एक लहर
होंठों पे तैर जाती है बरबस

जानां
तेरा होना कि‍तना जरूरी है
ये मेरी मुस्‍कराहट से पूछो न.....


तस्‍वीर--मेरे बगि‍ये के फूल गुलदान में और नजर कैमरे की

7 comments:

Pratibha Verma said...

बहुत ही सुन्दर...

पूरण खण्डेलवाल said...

सुन्दर !!

dr.mahendrag said...


क़ायनात ठुकरा दूं उस पल की ख़ाति‍र
जानां,
सब मेरे अख्‍ति‍यार में है
बस एक तुम ही नहीं.......
खूबसूरत रचना

Manav Mehta 'मन' said...

waah...sunder

Kailash Sharma said...

बहुत सुन्दर कोमल अहसास...

Unknown said...

Aapke shabdo me kuch alag hee

डॉ एल के शर्मा said...

जानां
तेरा होना कि‍तना जरूरी है
ये मेरी मुस्‍कराहट से पूछो न.....