Monday, April 16, 2012

जवां यादें...

रूप बदला..रंग बदला
शहर बदला...गली बदली
हम बदले...तुम बदले
मगर तुमसे जुड़ी यादें....
अब भी वक्‍त के हाथ बांध
वहीं के वहीं स्‍थि‍र-अवि‍चल-अडोल
खड़ी की खड़ी है,
यह जगह का करि‍श्‍मा है
या यादों का जादू...
जो दि‍न से दशक
बनने के बाद भी
एक चलचि‍त्र सा...
आंखों में तैर जाता है
यादों के समंदर में
गोते लगाता है....
और हम...बन जाते हैं एक दर्शक
वक्‍त हमारा हाथ पकड़
दि‍न...घड़ी..पल को पीछे छोड़ते
लौट जाता है..
कहता है....हां यही तो हुई थी
उनसे अपनी पहली मुलाकात
और यहां हुई थी..
छुपकर उनसे बात
इसी झील के कि‍नारे
थामा था मेरा हाथ
और की थी मुझपर
चुंबनों की बरसात...
फि‍र....कदम दो कदम
साथ चलकर
तुम पूरब..
हम पश्‍चि‍म
न पूछो इस दरम्‍यां
क्‍या-क्‍या गुजर गया
एक बार फि‍र सामने है
वही शहर...वही गली
वही यादें...गुजरी सारी बातें
मगर
अब शहर का मौसम बदल गया है
अब है यहां की हवा अजनबी
वक्‍त की मार से
खंडहर बन गई यादों की इमारत
मगर अब भी यादों का मौसम
जवां है....सोलहवें साल की तरह...।

14 comments:

दिगम्बर नासवा said...

सब कुछ बदल जाता है पर यादें नहीं बदलती ... रुका हुवा समय हैं ये यादें ...

Pallavi saxena said...

यादों का मौसम कभी नहीं बदलता एक ही याद में कुछ याद करते हुए हम हँसते भी है और रोते भी हैं। और यह सिलसिला ज़िंदगी कि आखरी साँस तक बस यूं ही चलता चला जाता है ....बहुत सुंदर भावपूर्ण रचना...शुभकामनायें आपको समय मिले कभी तो आयेगा मेरी पोस्ट पर आपका स्वागत है

Arun sathi said...

sadhoo sadhoo....

आशा बिष्ट said...

sundar bhaw

M VERMA said...

मगर अब भी यादों का मौसम
जवां है....सोलहवें साल की तरह...।
और फिर सोलहवें साल की यादें .. उफ़

RITU BANSAL said...

वाह !
आपका ब्लॉग फोल्लो कर रही हूँ
कलमदान

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया said...

तुम पूरब..
हम पश्‍चि‍म
न पूछो इस दरम्‍यां
क्‍या-क्‍या गुजर गया
एक बार फि‍र सामने है
वही शहर...वही गली
वही यादें...गुजरी सारी बातें...

यादे तो बस यादे होती है...
बढ़िया प्रस्तुति,सुंदर अभिव्यक्ति,बेहतरीन
रचना,...
रश्मी जी समर्थक बन गया हूँ आप भी बने मुझे खुशी होगी,....

MY RECENT POST काव्यान्जलि ...: कवि,...

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

बहुत खूबसूरत यादें

vandana gupta said...

मगर अब भी यादों का मौसम
जवां है....सोलहवें साल की तरह...………यही तो यादों की शख्सियत होती है ।

sangita said...

yadon ka safar yun hi jari rhe .sundar post.bdhai

Nirantar said...

यादों की इमारत खंडहर भले ही हो जाए पर गिरती कभी नहीं

Satish Saxena said...

खंडहर ही सही पर यादें तो रहेंगी....
शुभकामनायें...

kanu..... said...

yadein hamesha jawan rahti hain...

ANULATA RAJ NAIR said...

बातें बदल जातीं हैं....यादें नहीं बदलतीं....
सुंदर.