पता नहीं
तुम भिज्ञ हो या अनभिज्ञ
मगर ये सत्य है।
कोई रैना नहीं बीती ऐसी, जब तुम्हारी याद ने
यादों का भंवर न उठाया हो,
मगर क्षणमात्र को ही
क्योंकि, पश्चात़ इसके
बड़ी निर्ममता से दमित कर दी जाती हैं यादें
कारण
शायद तुम्हें ज्ञात हो...
तुम भिज्ञ हो या अनभिज्ञ
मगर ये सत्य है।
कोई रैना नहीं बीती ऐसी, जब तुम्हारी याद ने
यादों का भंवर न उठाया हो,
मगर क्षणमात्र को ही
क्योंकि, पश्चात़ इसके
बड़ी निर्ममता से दमित कर दी जाती हैं यादें
कारण
शायद तुम्हें ज्ञात हो...
1 comment:
बधाई रश्मि बधाई। उम्मीद है लगी रहोगी और ब्लॉग को मंजिल तक पहुंचाओगी।
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