दुनिया थी और थी मैं
अब मैं हूं
और मेरी दुनिया हो तुम.......
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2. ये दर्द जो तुझसे मुझे आज मिला है
ये मेरे जन्मों के इंतजार का सिला है...
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3. भर दो जागती आंखों में नींद ऐ रात की परी
कि दर्द भरी रातों की मियाद बस इतनी ही थी....
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4.तुम मिले हो
तो ग़म भी मिला है
यही तो चाहा था
अब नहीं कोई गिला है...
8 comments:
सुन्दर प्रस्तुति !!
बेहद खुबसूरत प्रस्तुति....
मनभावन...
:-)
बहुत सुंदर .और उम्दा ....रश्मि जी
खूबसूरत रचना |
क्या कहने …. सुन्दर
aapne bhavnaon ko kam shabdon mein behad khoobsurati se abhivyakt kiya hai Rashmi ji...
बहुत सुंदर रचना
जय जय जय घरवाली
सुन्दर अभिव्यक्ति .खुबसूरत रचना
कभी यहाँ भी पधारें।
सादर मदन
http://saxenamadanmohan1969.blogspot.in/
http://saxenamadanmohan.blogspot.in/
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