Tuesday, January 21, 2020

बाँहें ....


ये डालियाँ नहीं
बाँहें हैं,
जिन्होंने थाम रखा है सूरज को
कि, ना जाओ
अभी उजाले की और ज़रूरत है हमें...

No comments:

Post a Comment

अगर आपने अपनी ओर से प्रतिक्रिया पब्लिश कर दी है तो थोड़ा इंतज़ार करें। आपकी प्रतिक्रिया इस ब्लॉग पर ज़रूर देखने को मिलेगी।