Thursday, January 16, 2020

शाम आज ...



बेहद सर्द और उदास है शाम आज 
दूर तक नहीं है कोई पास आज
कि‍सका रस्‍ता देखूं, कौन आएगा 
यादों में उसकी बुझ रही है शाम आज 

5 comments:

  1. आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज शुक्रवार 17 जनवरी 2020 को साझा की गई है...... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

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  2. वाह बहुत सुंदर सृजन

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  3. क्या खूब लेखन। बहुत-बहुत शुभकामनाएँ आदरणीया।

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