Monday, April 8, 2019

नहीं आते...




“है गिरफ़्त में अब ख़िजाँ, कुछ याद नहीं उनको
मैं बैचेन फ़लक ज़ाकिर, वो जाके नहीं आते....”





3 comments:

शिवम् मिश्रा said...

ब्लॉग बुलेटिन की दिनांक 08/04/2019 की बुलेटिन, " ८ अप्रैल - बहरों को सुनाने के लिये किए गए धमाके का दिन - ब्लॉग बुलेटिन “ , में आप की पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !

रश्मि शर्मा said...

धन्यवाद

Onkar said...

बहुत खूब