हमसे था कोई रिश्ता,इकरार तो करता है
छुप छुप के मुझे देखे,वो प्यार तो करता है
छुप छुप के मुझे देखे,वो प्यार तो करता है
थम जाए मेरी सिसकी,मिल जाए सुकूँ थोड़ा
काँधे पे रखे सर वो ,इज़हार तो करता है
काँधे पे रखे सर वो ,इज़हार तो करता है
शिकवा करे दिल मेरा,मशरूफ मुहब्बत का
हर रोज मुझे मिलकर तकरार तो करता है
हर रोज मुझे मिलकर तकरार तो करता है
वो दूर खड़ा मुझसे,पास आना भी गर चाहे
दिल उसका है दीवाना ,दीदार तो करता है
दिल उसका है दीवाना ,दीदार तो करता है
कहती है यही रश्मि,दुनिया की रवायत है
वो मेरा दीवाना है और प्यार तो करता है
वो मेरा दीवाना है और प्यार तो करता है
जय मां हाटेशवरी....
ReplyDeleteहर्ष हो रहा है....आप को ये सूचित करते हुए.....
दिनांक 09/01/2018 को.....
आप की रचना का लिंक होगा.....
https://www.halchalwith5links.blogspot.com
पर......
आप भी यहां सादर आमंत्रित है.....
धन्यवाद
Deleteवाह्ह्ह👌👌👌
ReplyDeleteलाज़वाब गज़ल रश्मि जी।
खूबसूरत लिखा आपने,।
ReplyDeleteवाह!!बहुत खूब!!
ReplyDeleteवाआआह बहुत खूब
ReplyDeleteआपकी इस पोस्ट को आज की बुलेटिन श्रद्धा-सुमन गुदड़ी के लाल को : ब्लॉग बुलेटिन में शामिल किया गया है.... आपके सादर संज्ञान की प्रतीक्षा रहेगी..... आभार...
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