वो डूबी है प्रेम में....पता नहीं सामने वाले के दिल का हाल...बिना जवाब मिले ही यकीन करना चाहती है कि उसके सामने एक सुनहरी दुनियां का द्वार खुलने वाला है। वो इस कयास को यकीन में बदलना चाहती है कि वो....सिर्फ उसका है।
खूबसूरत हरियाली वाले रास्ते की पगड़डियों के किनारे पेड़ पर खिले फूल पर उसकी नजर जाती है। बेहद खूबसूरत फूल। इतना कि जी करे पास से खुश्बू महसूस किया जाए। पर बेख्याली में गुलाब हाथों में होता है और धीरे-धीरे उसकी एक-एक पंखुड़िया अलग होती जाती है.....यह बोलते हुए.....
ही लव्स मी....लव्स मी नॉट
आंखे बंद है..अंतिम पंखुड़ी जाने क्या आए। काश..... ऐ काश.....उम्मीद पूरी है
आखिरी पंखुड़ी....लव्स मी.....वाउउऊ.... जैसे शरीर हवा में तैरने लगा हो। सच में.... वो प्यार करता है मुझसे। आखिर मिल ही गया मेरा वेलेंटाइन।
कुछ प्यार के फै़सले ऐसे भी लिए जाते हैं.....
1 comment:
आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" मंगलवार 14 फरवरी 2017 को लिंक की गई है.... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
Post a Comment