Thursday, December 15, 2016

प्रेम में सम्‍मोहन होता है....


लड़की उस दि‍न जरा उदास थी। लड़का भांप गया इस बात को। मगर वजह से अनजान था। वो दोनों छत पर बैठे थे। लड़की गाल पर हाथ दि‍ए खाली आंखों ने आकाश देख रही थी। लड़का कभी उसका चेहरा देखता तो कभी आसपास के लोगों को। 

वह साधारण छत नहीं थी। एक आलीशान महल की छत थी, जि‍सके कंगूरे पर जरा ओट लेकर दोनों बैठे थे। चुप-चुप। लड़का बोलता जाता, लड़की बस हां हूं। अचानक वो लड़की उठी और कहा चलो अंदर..जरा घूम आएं। लड़का यंत्रवत पीछे पीछे। वो दोनों लोगोें का चेहरा देखते....भीड़ देखते और महल की नक्‍काशी भी। चलते-चलते थक से गए।

सबसे ऊपरी मंजि‍ल की सीढ़ि‍यों पर लड़की ने अजीब से भाव से लड़के को देखा। अब शायद वो समझ गया। कोई एक चीज है जो उसका ध्‍यान भटका रही है। उसे कुछ चाहि‍ए.;मगर क्‍या वो शायद लड़की को भी नहीं पता। लड़के को खूब पता था कि‍ कैसे उसे इन सबसे बाहर लाना है। बाहर खूब भीड़ थी। दोनों भीड़ में धक्‍के खाते हुए चल रहे थे।
अचानक लड़की के कानों के पास आकर वो दुहराने लगा....आई लव यू...आई लव यू....। वो लगातार फुसफुसाता रहा। शब्‍दोें में जैसे आत्‍मा उतार दि‍या हो। शब्‍द लड़की के कान से उतरकर उसके जि‍स्‍म में फैलने लगे। वह खो सी गई। बस उसे सुनते हुए। जब लड़के के होंठ बंद हुए तो उसने कहा....तुम जब यूं बोलते हो तो मैं ध्‍यान में चली जाती हूं। बदन से लेकर आत्‍मा का हर बंद खुलता है। मुझे लगता है मैं मरती रहूं और तुम इस तरह मेरे कान में आकर फुसफुसअोगे तो यमराज के पाश खोलकर वापस आ जाऊंगी। 

जो कोहरा था, छंट चुका था। अब दोनों हंस रहे थे। नीले आसमान तले.. प्रेम में सम्‍मोहन होता है।

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