कास का घना जंगल उगता है इन दिनों
उसकी छाती पर
उम्र की सीढ़ियों पर रूका आदमी
अचानक दौड़ने लगा है
उसकी छाती पर
उम्र की सीढ़ियों पर रूका आदमी
अचानक दौड़ने लगा है
थककर गिरता है, गिनता है इन दिनों
बाकी बची सीढ़ियां
वक्त को बांधी हुई मुट्ठियां खुल गई हैं
अब गिरती-चढ़ती सांसों का हिसाब
रखने लगी हैं ऊंगलियां
बाकी बची सीढ़ियां
वक्त को बांधी हुई मुट्ठियां खुल गई हैं
अब गिरती-चढ़ती सांसों का हिसाब
रखने लगी हैं ऊंगलियां
मेरे हाथ
टटोलते हैं घने जंगल में धड़कन
अब सीने पर सुकून नहीं
कलाई पर परखती हूं नब्ज की चाल
बचाने लगी हूं
खाने से थोड़ा नमक थोड़ा चीनी
घबराती हूं, आदत हो गई है
साथ-साथ रहे हैं बरसों सोचकर
टटोलते हैं घने जंगल में धड़कन
अब सीने पर सुकून नहीं
कलाई पर परखती हूं नब्ज की चाल
बचाने लगी हूं
खाने से थोड़ा नमक थोड़ा चीनी
घबराती हूं, आदत हो गई है
साथ-साथ रहे हैं बरसों सोचकर
समझती हूं
कास के जंगल से डरने लगे हो तुम
और अब जब वक्त
झुर्रियों के रूप में तुम्हारे चेहरे पर
उतरने लगेगा
भूलने लगोगे दर्पण देखना
छोड़ दोगे इन आंखों में अपनी छवि ढूंढना
कास के जंगल से डरने लगे हो तुम
और अब जब वक्त
झुर्रियों के रूप में तुम्हारे चेहरे पर
उतरने लगेगा
भूलने लगोगे दर्पण देखना
छोड़ दोगे इन आंखों में अपनी छवि ढूंढना
पर तुम्हें पता होना चाहिए
उम्र के इस पड़ाव पर आकर
जब सारे रंग जी चुकी मैं
सफ़ेद रंग भाता है बहुत मुझको
खोने दो मुझको कास के इन जंगलों में
जाने कितनी बरसातें गुजारी
हृदय की कालिमा धुल गई जब
तब ये धवल रंग मिला है तुमको ।
उम्र के इस पड़ाव पर आकर
जब सारे रंग जी चुकी मैं
सफ़ेद रंग भाता है बहुत मुझको
खोने दो मुझको कास के इन जंगलों में
जाने कितनी बरसातें गुजारी
हृदय की कालिमा धुल गई जब
तब ये धवल रंग मिला है तुमको ।
4 comments:
मैं तो विस्मित रह गया आपके इस काश के जंगल में विचरण कर के बहुत ही अद्भुत लिखती रहे शुभकामनाएं आपको
बहुत बढ़िया
bahut sundar ...
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल सोमवार (19-09-2016) को "नमकीन पानी में बहुत से जीव ठहरे हैं" (चर्चा अंक-2470) पर भी होगी।
--
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
Post a Comment