कभी देखना, ढलती शाम
सफ़ेद कुहासे में लिपटे
मेरे शहर को
फिर देखना इन उदास आंखों की तरफ
तब कहना
उदासी भी कई बार
बेहद खूबसूरत होती है....
सफ़ेद कुहासे में लिपटे
मेरे शहर को
फिर देखना इन उदास आंखों की तरफ
तब कहना
उदासी भी कई बार
बेहद खूबसूरत होती है....
खाली घर हो या दिल
चीजें तरतीब से रखना
बहुत आसान है, मगर
किसी के दिल में
रहने की गुंजाइश बनाना
उस पर भी लबों पर मुस्कान सजाना
तब कहना
दर्द में लिपटी मुस्कान
बेहद खूबसूरत होती है
चीजें तरतीब से रखना
बहुत आसान है, मगर
किसी के दिल में
रहने की गुंजाइश बनाना
उस पर भी लबों पर मुस्कान सजाना
तब कहना
दर्द में लिपटी मुस्कान
बेहद खूबसूरत होती है
कुछ शब्द, कुछ वादे
कुछ इरादे
एक वक्त के बाद अर्थहीन लगते हैं
जब लफ्जो का साथ नहीं देती जुबां,
शब्द-शब्द ही मिलने लगे
तब कहना
लरज़ती जुबां से टूटे लफ्ज़ों की बारिश
जब होती थी
बेहद खूबसूरत होती है।
कुछ इरादे
एक वक्त के बाद अर्थहीन लगते हैं
जब लफ्जो का साथ नहीं देती जुबां,
शब्द-शब्द ही मिलने लगे
तब कहना
लरज़ती जुबां से टूटे लफ्ज़ों की बारिश
जब होती थी
बेहद खूबसूरत होती है।
तस्वीर..धुंध में लिपटा हिमालय
4 comments:
nice poem..I love it.thanks for sharing.-
marriage
आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 24-12-2015 को चर्चा मंच पर चर्चा - 2200 में दिया जाएगा
धन्यवाद
बहुत सुन्दर रश्मि जी ! दिल को छूती सी कोमल रचना !
Bahut bahut dhnyawad aur aabhar aapka.
Post a Comment