सुबह आंख खुली
देखा
जमीन पर पड़े थे
कुछ सीधे, कुछ औंधे पड़े
पीले पत्ते
देखा
जमीन पर पड़े थे
कुछ सीधे, कुछ औंधे पड़े
पीले पत्ते
कल ही तो देखा था
शाख पर हरे पत्तों को इठलाते
शाख पर हरे पत्तों को इठलाते
ये कैसी रात थी
हरी-हरी पत्तियों पर
पीला रंग चढ़ा गई
अब भी कुछ पत्ते
शाख से जुड़े रह गए हैं
हरी-हरी पत्तियों पर
पीला रंग चढ़ा गई
अब भी कुछ पत्ते
शाख से जुड़े रह गए हैं
जानती हूं
दो-एक रोज की बात है
अब डाल पर कुछ भी नहीं बचेगा
सब्ज़ रिश्ते भी तो सूखने से
पहले
ऐसे ही पीले पड़ते हैं......
दो-एक रोज की बात है
अब डाल पर कुछ भी नहीं बचेगा
सब्ज़ रिश्ते भी तो सूखने से
पहले
ऐसे ही पीले पड़ते हैं......
दो दिन पहले ली थी ये तस्वीर
1 comment:
bahut sunder
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