दांव पर लगाकर
क्या पा लिया किसी ने
शाम
अब तक गाढ़ी थी
रातें काजल सी काली है
तेरा दिया जहर पी
कोई रात भर तड़पेगा
देह से
आग जनमेगी
फूल का मन झुलसेगा
आकाशगंगा का सबसे
झिलमिल सितारा था वो
टूटकर गिरा
अब अंधेरे में
अपने
अस्तित्व को लड़ेगा
आज चांद फिर
फलक पर
उजास बिखेरता आया है
चिता की राख पर
पड़ा
विश्वास का पत्थर चमकेगा
तस्वीर-- एक थके से इंसान की..जो पल के सुकून को ठहरा है
झिलमिल सितारा था वो
टूटकर गिरा
अब अंधेरे में
अपने
अस्तित्व को लड़ेगा
आज चांद फिर
फलक पर
उजास बिखेरता आया है
चिता की राख पर
पड़ा
विश्वास का पत्थर चमकेगा
तस्वीर-- एक थके से इंसान की..जो पल के सुकून को ठहरा है
1 comment:
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल बुधवार (11-02-2015) को चर्चा मंच 1886 पर भी होगी।
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ...
सादर...!
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