जान बाकी बाकी है मगर सांस रुकी हो जैसे....
आवाज की पनाहों में छुपा लेते....आज होते तुम तो मेरे दर्द को जुबां देते....बहुत याद आती है तन्हाई की वो रातें....जब आंसुओं को मीठे सुर से सहलाया करते थे
न थे कोई तुम मेरे.....मेरे बहुत कुछ हुआ करते थे
तेरी याद है......फिर वही तन्हाई है.....शब्दों का आसरा भी है....मगर तुम नहीं पास...
जगजीत...याद आते हो तुम....बहुत याद आते हो..
कोई फरियाद तेरे दिल में दबी हो जैसे
तूने आँखों से कोई बात कही हो जैसे
जागते जागते एक उम्र कटी हो जैसे
जान बाकी बाकी है मगर सांस रुकी हो जैसे....
तूने आँखों से कोई बात कही हो जैसे
जागते जागते एक उम्र कटी हो जैसे
जान बाकी बाकी है मगर सांस रुकी हो जैसे....
' जन्मदिन मुबारक '
3 comments:
जन्मदिन मुबारक !
गोस्वामी तुलसीदास
भावभीनी श्रद्धांजलि..जगजीत सिंह जैसे फ़नकार कभी नहीं मरते।
श्रद्धांजलि......
shabdsugandh.blogspot.com
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