रूप का तिलिस्म जब अरूप का सामना करे, तो बेचैनियां बढ़ जाती हैं...
Monday, February 24, 2014
वृक्ष का साया
अक्स तेरा मुझमें यूं उतर आया है जैसे मैं पानी तू घने वृक्ष का साया है मैं देखती हूं गौर से चेहरे का नूर ये लुभावना रूप तेरे प्यार से ही तो आया है..... तस्वीर..मेरे फार्म हाउस के तालाब और पेड़ों के अक्स की..
1 comment:
sundar tasveer ke sath bahut sundar rachna ...
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