Saturday, November 2, 2013

शब्‍द-दीप जल गए....


तुमने कहा...
तुम मेरी दीप..तुमसे ही दीपावली

देखो रौशन हो गया जहां.....शब्‍द-दीप ही जलने दो अभी 

होगी तब असली दीपावली जब हम मि‍ल जाएंगे.....



((..सभी मि‍त्रों को दीपोत्‍सव की बधाई व हार्दिक शुभकामनाएं...))

8 comments:

  1. पाव पाव दीपावली, शुभकामना अनेक |
    वली-वलीमुख अवध में, सबके प्रभु तो एक |
    सब के प्रभु तो एक, उन्हीं का चलता सिक्का |
    कई पावली किन्तु, स्वयं को कहते इक्का |
    जाओ उनसे चेत, बनो मत मूर्ख गावदी |
    रविकर दिया सँदेश, मिठाई पाव पाव दी ||


    वली-वलीमुख = राम जी / हनुमान जी
    पावली=चवन्नी
    गावदी = मूर्ख / अबोध

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  2. आप को पावन पर्व दिवाली की ढेरों शुभकामनाएं...
    आप की ये सुंदर रचना आने वाले सौमवार यानी 04/11/2013 को नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही है... आप भी इस हलचल में सादर आमंत्रित है...
    सूचनार्थ।



    धरा मानव से कह रही है...
    दोनों ओर प्रेम पलता है...

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  3. जल्दी ही होगा वो मिलन ... आज तो दीप लालने दो ..
    लाजवाब ..
    दीपावली के पावन पर्व की बधाई ओर शुभकामनायें ...

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  4. बहुत खूब सुंदर प्रस्तुति !
    दीपावली पर्व की हार्दिक शुभकामनाए...!
    ===========================
    RECENT POST -: दीप जलायें .

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  5. बहुत खूब सुंदर प्रस्तुति !
    दीपावली पर्व की हार्दिक शुभकामनाए...मेरी रचना शामि‍ल करने के लि‍ए आभार

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  6. वाह ... बहुत बढिया
    दीपोत्‍सव की अनंत शुभकामनाएं

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