Wednesday, September 4, 2013

प्रीत की रीत.....


आओ
कि‍ इससे पहले
जिंदगी झटक दे मेरा हाथ
और 
तुम्‍हारे बदले
मौत को हो जाए
मुझसे 
तुम सी मोहब्‍बत
मैं फेर लूं आंखे
तुमसे

और सारी दुनि‍या से
आओ न प्रि‍य
प्रीत की रीत नि‍भा जाउं
तुम्‍हें न सही
तुम्‍हारे अक्‍स को
इन नि‍गाहों में भर लाउं
आओ
कि‍ तुम्‍हारी खुश्‍बू से
तर-ब-तर कर लूं
अपनी सांसे
एक पल को न
भूली
मेरी रूह तुम्‍हें
जो कभी ऐसा हो जाए
ख़ुदा कसम
मैं काफ़ि‍र कहलाउं...


तस्‍वीर--साभार गूगल 

4 comments:

Rajendra kumar said...

आपकी यह उत्कृष्ट प्रस्तुति कल गुरुवार (05-09-2013) को "ब्लॉग प्रसारण : अंक 107" पर लिंक की गयी है,कृपया पधारे.वहाँ आपका स्वागत है.

डॉ. दिलबागसिंह विर्क said...

आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 05-09-2013 के चर्चा मंच पर है
कृपया पधारें
धन्यवाद

सु-मन (Suman Kapoor) said...

बहुत सुंदर :)

Sarik Khan Filmcritic said...

बहुत बढ़िया