1. अब तलक
दुनिया थी और थी मैं
अब मैं हूं
और मेरी दुनिया हो तुम.......
********************
2. ये दर्द जो तुझसे मुझे आज मिला है
ये मेरे जन्मों के इंतजार का सिला है...
********************
3. भर दो जागती आंखों में नींद ऐ रात की परी
कि दर्द भरी रातों की मियाद बस इतनी ही थी....
********************
4.तुम मिले हो
तो ग़म भी मिला है
यही तो चाहा था
अब नहीं कोई गिला है...
दुनिया थी और थी मैं
अब मैं हूं
और मेरी दुनिया हो तुम.......
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2. ये दर्द जो तुझसे मुझे आज मिला है
ये मेरे जन्मों के इंतजार का सिला है...
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3. भर दो जागती आंखों में नींद ऐ रात की परी
कि दर्द भरी रातों की मियाद बस इतनी ही थी....
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4.तुम मिले हो
तो ग़म भी मिला है
यही तो चाहा था
अब नहीं कोई गिला है...
7 comments:
सुन्दर प्रस्तुति !!
बेहद खुबसूरत प्रस्तुति....
मनभावन...
:-)
बहुत सुंदर .और उम्दा ....रश्मि जी
खूबसूरत रचना |
क्या कहने …. सुन्दर
aapne bhavnaon ko kam shabdon mein behad khoobsurati se abhivyakt kiya hai Rashmi ji...
बहुत सुंदर रचना
जय जय जय घरवाली
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