Tuesday, September 24, 2013

क्षणि‍काएं....

1. अब तलक
   दुनि‍या थी और थी मैं
   अब मैं हूं
   और मेरी दुनि‍या हो तुम.......


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2. ये दर्द जो तुझसे मुझे आज मि‍ला है
ये मेरे जन्‍मों के इंतजार का सि‍ला है...

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3. भर दो जागती आंखों में नींद ऐ रात की परी
कि दर्द भरी रातों की मि‍याद बस इतनी ही थी....


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4.तुम मि‍ले हो
तो ग़म भी मि‍ला है
यही तो चाहा था
अब नहीं कोई गि‍ला है...

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