चाँद पकड़ने की जिद हस्ती को उलझाती रही
बेतरह उलझी रस्सियों को मैं सुलझाती रही !!
हमने जी ली उसी एक रात में पूरी जिंदगी
तुम काटते रहे डोर, मैं वो पतंग बचाती रही !!
मेरे रूखसार पर ढलकते रहे बेआवाज आंसू
कांपते लबों पर अपने, तब्बसुम सजाती रही !!
दर्द की हवा अटक सी गई थी मेरे सीने में
मैं सांस भरती रही, दर्द दिल का दबाती रही !!
तुम्हारी हस्ती अदना से कमतर होने लगी
मैं पुरयकीन के हौसलों से तुम्हें बढ़ाती रही !!
शक के बिस्तर पर दम तोड़ने लगा वो रिश्ता
मैं ढक के चादर रात भर उसको सुलाती रही !!
चुप के जंगल में जब फ़ैल गयी भोर की ‘रश्मि’
दर्दीली रात के अफ़साने को गीतों में भुलाती रही !!
तस्वीर--साभार गूगल
bशक के बिस्तर पर दम तोड़ने लगा वो रिश्ता
ReplyDeleteमैं ढक के चादर रात भर उसको सुलाती रही !!behatareen ,
बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
ReplyDeleteआपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी इस प्रविष्टि की चर्चा कल शनिवार (15-06-2013) के पहेली ! बूझो तो जाने (चर्चा मंचःअंक-1276) "मयंक का कोना" पर भी होगी!
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
शक के बिस्तर पर दम तोड़ने लगा वो रिश्ता
ReplyDeleteमैं ढक के चादर रात भर उसको सुलाती रही !!-------
प्रेम आंतरिक के अहसास को कितनी सुन्दरता से व्यक्त किया है
वाह बहुत खूब
आग्रह है- पापा ---------
शक के बिस्तर पर दम तोड़ने लगा वो रिश्ता
ReplyDeleteमैं ढक के चादर रात भर उसको सुलाती रही !!
प्रेम का मोह पाश आलिंगन को न चोदना चाहे तब भी रिश्ते की दरक मजबूर कर देती है.बहुत ही भावपूर्ण अभिव्यक्ति दी है रश्मिजी आपने बधाई एवम आभार
शक के बिस्तर पर दम तोड़ने लगा वो रिश्ता
ReplyDeleteमैं ढक के चादर रात भर उसको सुलाती रही !!
प्रेम का मोह पाश आलिंगन को न चोदना चाहे तब भी रिश्ते की दरक मजबूर कर देती है.बहुत ही भावपूर्ण अभिव्यक्ति दी है रश्मिजी आपने बधाई एवम आभार
बहुत ही बेहतरीन और सुन्दर प्रस्तुती ,धन्यबाद।
ReplyDeleteशक के बिस्तर पर दम तोड़ने लगा वो रिश्ता
ReplyDeleteमैं ढक के चादर रात भर उसको सुलाती रही !!
bahut khoob ...!!
वाह ...बहुत सुंदर ..हर बार की तरह
ReplyDeletebahut badhiya rachna
ReplyDeleteचुप के जंगल में जब फ़ैल गयी भोर की ‘रश्मि’
ReplyDeleteदर्दीली रात के अफ़साने को गीतों में भुलाती रही !!
बहुत सुंदर भाव और लाजवाब प्रस्तुति.
शक के बिस्तर पर दम तोड़ने लगा वो रिश्ता
ReplyDeleteमैं ढक के चादर रात भर उसको सुलाती रही !! लाजवाब प्रस्तुति!
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बहुत सुन्दर शेर
ReplyDeleteवाह, कितनी खूबसूरती से दिल के दर्द को अभिव्यक्ति दे दी है आपने । हार्दिक शुभकामनाएँ
ReplyDeleteवाह, कितनी खूबसूरती से दिल के दर्द को अभिव्यक्ति दे दी है आपने । हार्दिक शुभकामनाएँ
ReplyDeletebhaut khubsurat jid....
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