जब भी याद किया है, मुझे मेरी मां मिलती है अमरूद की डाल पर बैठ सखियों संग बतियाते......आंचल में मेरे लिए सहेज कर अधपके अमरूद लाते। जब भी देखा उनके होठों पर एक मधुर मुस्कान देखी, न काम का रोना, न वक्त की कमी......जैसे हाथ लगते ही पल भर में सब खत्म हो जाता हो सारा काम......
मैंने पाया है उनको, हर बुरी चीज से मुझे बचाते, मेरे आस्मां का रंग अपनी कोशिश से और नीला बनाते.......मुझे पंख दिए उन्होंने, दिया उड़ने का हौसला। मेरे लिए बनाती थी खूबसूरत कपड़ों वाली गुड़िया और संग-संग ब्याह रचाया उन्होंने। मेरी सखियों को भी मेरे जितना दुलराया और मेरे हर फैसले पर खड़ी रही.......चट़टान की तरह तनकर....
मां तो हर पल साथ रहती है...कल थी...आज है और कल भी रहेगी....मेरे हर सुख-दुख की साझीदार
...तो मेरी खातिर है हर दिन.....मां का दिन....मां तुझे सलाम
तस्वीर-- मां और मैं...गुजरे दिनों में
4 comments:
ब्लॉग बुलेटिन के माँ दिवस विशेषांक माँ संवेदना है - वन्दे-मातरम् - ब्लॉग बुलेटिन मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
माँ हर समय हर पल साथ रहती है ...
हिम्मत बंधाती है ...
मातृ दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ ...
मेरे आस्मां का रंग अपनी कोशिश से और नीला बनाते.......बहुत सुन्दर हैं आपकी माताश्री और आप चित्र में।
तो मेरी खातिर है हर दिन.....मां का दिन....मां तुझे सलाम
माँ का साथ यूँ ही सदैव बना रहे ...
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