ऐ काश !
दिल के अंदर होता
कोई एक ऐसा कोना
जिसमें हम
खुद से भी कुछ बातें
रख लेते छुपा के
या फिर होता कोई
ऐसा नायाब़ तरीका
कि बिना नाम लिए अपना
सब कुछ दिल का
तुझको बता पाते
वो सुन लेते तुम
जो हमने कभी कहा नहीं
सुनकर कह देते तुम
कि तुमने कुछ सुना नहीं
ऐ काश .......
तस्वीर...मेरे कमरे में सुगंध बिखेरते गुलाब...
9 comments:
कहने-सुनने का यह दिल का कोना बेहद संजीदगी से भरा है।
आज की ब्लॉग बुलेटिन प्रथम भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम के अग्रदूत - अमर शहीद मंगल पाण्डेय - ब्लॉग बुलेटिन मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
बहुत सुंदर...संवाद कुछ यूँ भी......
बहुत बेहतरीन सुंदर रचना !!!
RECENT POST: जुल्म
दिल का हर कोना बड़ा चुगलखोर है......
:-)
अनु
जीवन की गहन अनुभूति
सुंदर रचना
बधाई
आग्रह है मेरे ब्लॉग में सम्मलित हों
बहुत हू सुन्दर अभिव्यक्ति.
सुन्दर !
काश कि ऐसा हो पाता ,जाने कितनी बातें कर लेते
बिना कहे,बिना सुने ...
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