Monday, April 8, 2013

जो हमने कभी कहा नहीं.....


ऐ काश ! 
दि‍ल के अंदर होता 
कोई एक ऐसा कोना
जि‍समें हम
खुद से भी कुछ बातें
रख लेते छुपा के

या फि‍र होता कोई
ऐसा नायाब़ तरीका
कि बि‍ना नाम लि‍ए अपना
सब कुछ दि‍ल का
तुझको बता पाते

वो सुन लेते तुम
जो हमने कभी कहा नहीं
सुनकर कह देते तुम
कि‍ तुमने कुछ सुना नहीं
ऐ काश .......


तस्‍वीर...मेरे कमरे में सुगंध बि‍खेरते गुलाब...

9 comments:

Harihar (विकेश कुमार बडोला) said...

कहने-सुनने का यह दिल का कोना बेहद संजीदगी से भरा है।

ब्लॉग बुलेटिन said...

आज की ब्लॉग बुलेटिन प्रथम भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम के अग्रदूत - अमर शहीद मंगल पाण्डेय - ब्लॉग बुलेटिन मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !

डॉ. मोनिका शर्मा said...

बहुत सुंदर...संवाद कुछ यूँ भी......

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया said...

बहुत बेहतरीन सुंदर रचना !!!

RECENT POST: जुल्म

ANULATA RAJ NAIR said...

दिल का हर कोना बड़ा चुगलखोर है......
:-)

अनु

Jyoti khare said...



जीवन की गहन अनुभूति
सुंदर रचना
बधाई

आग्रह है मेरे ब्लॉग में सम्मलित हों

Rajendra kumar said...

बहुत हू सुन्दर अभिव्यक्ति.

प्रतिभा सक्सेना said...

सुन्दर !

Archana Chaoji said...

काश कि ऐसा हो पाता ,जाने कितनी बातें कर लेते
बिना कहे,बिना सुने ...