ऐ काश !
दिल के अंदर होता
कोई एक ऐसा कोना
जिसमें हम
खुद से भी कुछ बातें
रख लेते छुपा के
या फिर होता कोई
ऐसा नायाब़ तरीका
कि बिना नाम लिए अपना
सब कुछ दिल का
तुझको बता पाते
वो सुन लेते तुम
जो हमने कभी कहा नहीं
सुनकर कह देते तुम
कि तुमने कुछ सुना नहीं
ऐ काश .......
तस्वीर...मेरे कमरे में सुगंध बिखेरते गुलाब...
कहने-सुनने का यह दिल का कोना बेहद संजीदगी से भरा है।
ReplyDeleteआज की ब्लॉग बुलेटिन प्रथम भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम के अग्रदूत - अमर शहीद मंगल पाण्डेय - ब्लॉग बुलेटिन मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
ReplyDeleteबहुत सुंदर...संवाद कुछ यूँ भी......
ReplyDeleteबहुत बेहतरीन सुंदर रचना !!!
ReplyDeleteRECENT POST: जुल्म
दिल का हर कोना बड़ा चुगलखोर है......
ReplyDelete:-)
अनु
ReplyDeleteजीवन की गहन अनुभूति
सुंदर रचना
बधाई
आग्रह है मेरे ब्लॉग में सम्मलित हों
बहुत हू सुन्दर अभिव्यक्ति.
ReplyDeleteसुन्दर !
ReplyDeleteकाश कि ऐसा हो पाता ,जाने कितनी बातें कर लेते
ReplyDeleteबिना कहे,बिना सुने ...