Saturday, April 20, 2013

ये मोहब्‍बत...


मोहब्‍बत में कभी-कभी ऐसा भी होता है
सूखी रहती हैं आंखें, जि‍स्‍म सारा रोता है

कहते नहीं अब उनसे कभी हाल-ए- दि‍ल 
हुआ यकीं जब, दि‍ल पत्‍थर सा भी होता है

होती है क्‍यों अक्‍सर हमें उसी से मोहब्‍बत
जो शख्‍स हमारा नहीं, और कि‍सी का होता है


तस्‍वीर--साभार गूगल 

19 comments:

सु-मन (Suman Kapoor) said...

सही बात ...:((

मेरा मन पंछी सा said...

हृदयस्पर्शी...

Manav Mehta 'मन' said...

muhabbat chij hi aisi hai ..

Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टून said...

वाह :)

संध्या शर्मा said...

होता है कभी-कभी ऐसा भी... सुन्दर रचना

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया said...


बहुत उम्दा अभिव्यक्ति,सुंदर रचना,,,
संगेमर्मर की तरह साफ़ मुहब्बत हो अगर,
एक दिन ताजमहल बन के दिखा देती है,,,
RECENT POST : प्यार में दर्द है,

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया said...


बहुत उम्दा अभिव्यक्ति,सुंदर रचना,,,
संगेमर्मर की तरह साफ़ मुहब्बत हो अगर,
एक दिन ताजमहल बन के दिखा देती है,,,
RECENT POST : प्यार में दर्द है,

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया said...


बहुत उम्दा अभिव्यक्ति,सुंदर रचना,,,
संगेमर्मर की तरह साफ़ मुहब्बत हो अगर,
एक दिन ताजमहल बन के दिखा देती है,,,
RECENT POST : प्यार में दर्द है,

Harihar (विकेश कुमार बडोला) said...

बढ़िया।

Onkar said...

बहुत खूब

Aditi Poonam said...

बहुत सुंदर ग़ज़ल ,रश्मि जी....

Arun sathi said...

साधू साधू

अज़ीज़ जौनपुरी said...

darde- mohabbt ke ahshas me dubi prastuti,bahut khoob

रविकर said...

बढ़िया है आदरणीया-
शुभकामनायें-

Dr.NISHA MAHARANA said...

sidhi bat dil tak pahuch gai isi ko to moh..bat kahte hain ...

प्रतिभा सक्सेना said...

'जो शख्‍स हमारा नहीं, और कि‍सी का होता है'
- सबसे बड़ा उदाहरण सामने है,देख लीजिए राघा-कृष्ण को!

Unknown said...

umda panktiya...

दिगम्बर नासवा said...

मन पागल जो है .. फिर पत्थर से प्यार करता है ...
सभी शेर लाजवाब ...

विभूति" said...

कोमल भावो की अभिवयक्ति .