Tuesday, February 26, 2013

थपकि‍यां माथे पर....

सुकून मि‍ल सकता है
यहां
तुम्‍हारे चौड़े से
सीने में छुपकर
कि जब देखा
गौर से तुम्‍हें
तो वादि‍यां मुझसे
नि‍गाहें मि‍लाने
लगीं
मुस्‍करा कर कहा
बावरी
आकर्षण बहुत है दुनि‍या में
पर कम है सुकून
जहां मि‍ले
समेट लो..दे दो
कि‍ कहां अब कोई
प्‍यार आने पर
देता है थपकि‍यां माथे पर....



तस्‍वीर-- उंट की सवारी का आनंद लेते अभि‍रुप व आदर्श

7 comments:

Ayodhya Prasad said...

बढ़िया ...

रविकर said...

बढ़िया है आदरेया -
शुभकामनाएं

Pratibha Verma said...

बहुत सुन्दर ....

Anju (Anu) Chaudhary said...

पहले प्यार तो मिले



सार्थक अभिव्यक्ति

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया said...

बेहतरीन अभिव्यक्ति,रश्मि जी,,,,

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दिगम्बर नासवा said...

सच्च है थोड़ा है ये दुनिया में जहाँ मिले समेट लो इस सकून को ...

Harihar (विकेश कुमार बडोला) said...

प्‍यार आने पर
देता है थपकि‍यां माथे पर......सुन्‍दर भाव।