Friday, December 14, 2012

रानाइयां...

ओस की बूंदे पड़ने पर
लाजवंती
झुका के सर शरमाती थी

सुर्ख गुलाब की
पंखुड़ि‍यां
छूते ही बि‍खर जाती थी

कुछ खूबसूरत सी सुनहरी
ति‍तलि‍यां
मेरे आंगन में मंडराती थी

एक बख्‍़त ऐसा था जब दुनि‍यां की सारी
रानाइयां
मेरे घर भी आती थीं.....

14 comments:

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया said...

बहुत खूब, बहुत उम्दा सृजन,,,, बधाई।

recent post हमको रखवालो ने लूटा

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया said...

बहुत खूब,बहुत उम्दा सृजन,,,, बधाई।

recent post हमको रखवालो ने लूटा

Rohitas Ghorela said...

बेहद खुबशुरत जज्बात उम्दा तरीके संजोये हैं।

मेरी नई कविता आपके इंतज़ार में है: नम मौसम, भीगी जमीं ..

Karupath said...

कविता अच्‍छी लगी

अरुन अनन्त said...

वाह प्रकृति का इतना सुन्दर चित्रण क्या बात है बधाई

अरुन शर्मा

RECENT POST जिंदगी भर

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

मित्रों!
13 दिसम्बर से 16 दिसम्बर तक देहरादून में प्रवास पर हूँ!
इस प्रविष्टी की चर्चा कल रविवार (16-12-2012) के चर्चा मंच (भारत बहुत महान) पर भी होगी!
सूचनार्थ!

सु-मन (Suman Kapoor) said...

कहीं कोई अनचीन्हा खालीपन है, जिसे भरने की कोशिश कविता का आकार लेती है। जब-जब ऐसा होता है, खुद को तसल्ली होती है कि मैं जिंदा हूं।

वाह रश्मि जी ...फेसबुक पर तो आपको पढ़ती थी पर ब्लॉग पर आना आज ही हुआ ...अब आना होता रहेगा ..

Yashwant R. B. Mathur said...

बेहतरीन


सादर

Aditya Tikku said...

achi-**

Anonymous said...

सादर आमंत्रण,
हम हिंदी के श्रेष्ठ ब्लॉग 'हिंदी चिट्ठा संकलक' पर एकत्र कर रहे हैं,
कृपया अपना ब्लॉग शामिल कीजिए - http://goo.gl/7mRhq

Rajesh Kumari said...

बहुत कोमल एहसास जगाती पंक्तियाँ बहुत बहुत बधाई

virendra sharma said...


वक्त वक्त की बात है ......

संजय साह said...

बहुत ही खूबसूरत कविताएँ, ग़ज़ल, कहानी का संग्रह है।
निःसंकोच कह सकते हैं गागर में सागर है। मैडम एक छोटी-सी गुजारिश है कि कुछ ऐसे शब्द हिंदी, उर्दू या अन्य भाषाओं के हैं उनके अर्थ कृपा करके जरूर सन्दर्भ की तरह नीचे लिखें। इससे पाठक को समझने में अासानी होगी। जैसे - रानाईयाँ; हर किसी को समझ में नहीं आएंगे।
— संजय कुमार, हिंदी के प्रशंसक

संजय साह said...

बहुत ही खूबसूरत कविताएँ, ग़ज़ल, कहानी का संग्रह है।
निःसंकोच कह सकते हैं गागर में सागर है। मैडम एक छोटी-सी गुजारिश है कि कुछ ऐसे शब्द हिंदी, उर्दू या अन्य भाषाओं के हैं उनके अर्थ कृपा करके जरूर सन्दर्भ की तरह नीचे लिखें। इससे पाठक को समझने में अासानी होगी। जैसे - रानाईयाँ; हर किसी को समझ में नहीं आएंगे।
— संजय कुमार, हिंदी के प्रशंसक