रूप का तिलिस्म जब अरूप का सामना करे, तो बेचैनियां बढ़ जाती हैं...
प्यारी...गुनगुनी सी रचना..अनु
हेमंत ऋतु को दर्शाती सुन्दर प्रस्तुति अरुन शर्माRECENT POST शीत डाले ठंडी बोरियाँ
accha kiya aap ne mushkurane ka nya andaz sikha diya,******^^^^^^***** देखो....हम-तुम सी ही ये सुबहएक-दूजे को देख मुस्करा रही है,bahut subdar
बेहतर लेखन !!!
आप मुस्कुराएंगे तो धूप तो स्वत ही मुस्कुराएगी ... सुन्दर लिखा है ...
वाह ,,, बहुत उम्दा,हेमन्त ऋतू में ठण्ड का अहसास दिलाती लाजबाब रचना....बधाई,रश्मी जी, recent post: रूप संवारा नहीं,,,
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6 comments:
प्यारी...गुनगुनी सी रचना..
अनु
हेमंत ऋतु को दर्शाती सुन्दर प्रस्तुति
अरुन शर्मा
RECENT POST शीत डाले ठंडी बोरियाँ
accha kiya aap ne mushkurane ka nya andaz sikha diya,******^^^^^^***** देखो....हम-तुम सी ही ये सुबह
एक-दूजे को देख मुस्करा रही है,bahut subdar
बेहतर लेखन !!!
आप मुस्कुराएंगे तो धूप तो स्वत ही मुस्कुराएगी ... सुन्दर लिखा है ...
वाह ,,, बहुत उम्दा,हेमन्त ऋतू में ठण्ड का अहसास दिलाती लाजबाब रचना....बधाई,रश्मी जी,
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