1.बरसेंगे जो बादल आंसू छुपा लेंगे
तुमको न कभी ये अपना पता देंगे...
क्यों ढूंढते हो उदासी इस चेहरे पर
हम इस चेहरे पर नया चेहरा लगा देंगे....
2.बेशकीमती होते हैं आंसू
बेवजह यूं इन्हें आंखों से ढलकाया न करो
कोई याद जब मजबूर करे रोने के लिए
सजा लो मुस्कान होंठों पे आंसू नुमाया न करो
7 comments:
वाह उम्दा लाजवाब प्रस्तुति
1.बरसेंगे जो बादल आंसू छुपा लेंगे
तुमको न कभी ये अपना पता देंगे...
बहुत खूब
बहुत खूब रश्मी जी,,,,
नयनों के ये नीर तीर से बच के रहना
वरना फिर पछताओगे,रुलायेगें ये नैना,,,,
RECENT POST: तेरी फितरत के लोग,
बहुत अच्छी रचना
बहुत सुंदर
क्या बात
वाह! ज़बरदस्त बात कह दी आपने!
बहुत ही सुन्दर लगी पोस्ट।
आपके लिखे दोनों काव्यांश बहुत सुन्दर लगे , लेकिन सबसे सुन्दर वो तस्वीर है , जिसका आपने यहाँ प्रयोग किया है |
सादर
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