Thursday, October 18, 2012

ये दुनि‍यां

जरा दूरी वाजि‍ब है हमारे दरम़ि‍यां
क्‍योंकि‍ रकीबो से भरी है ये दुनि‍यां।।

देखा गया है अक्‍सर कि
मोहब्‍बत करने वालों से जलती है दुनि‍यां।।

जो देख लेगी चंद रोज हमें यूं खुश
तो कोई दीवार उठा देगी हमारे बीच ये दुनि‍यां।।

जो रोज यूं ही मि‍लते रहें सरे-शाम आपसे
तो यकीनन एक दि‍न जुदा कर डालेगी दुनि‍यां।।

7 comments:

  1. बहुत सुंदर......

    नई पोस्ट:- ठूंठ

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  2. रश्मि जी सरल पर सुन्दर रचना

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  3. प्यार की ताकत अथाह होती है जो इस दुनियां की ताकत से कोसों आगे है.
    बहुत उम्दा बहुत खूब.

    आपके ब्लॉग पर आकर काफी अच्छा लगा।
    अगर आपको अच्छा लगे तो मेरे ब्लॉग से भी जुड़ें।
    http://rohitasghorela.blogspot.com
    धन्यवाद !!

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  4. प्यार की ताकत अथाह होती है जो इस दुनियां की ताकत से कोसों आगे है.

    बहुत उम्दा बहुत खूब
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    धन्यवाद !!

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  5. agar waakai men piyaar ho to koi door nahi kar sakta ....par roj milna sambhaw nahi hota ....bahut piyaari rachna rashmi jee...

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