जरा दूरी वाजिब है हमारे दरम़ियां
क्योंकि रकीबो से भरी है ये दुनियां।।
देखा गया है अक्सर कि
मोहब्बत करने वालों से जलती है दुनियां।।
जो देख लेगी चंद रोज हमें यूं खुश
तो कोई दीवार उठा देगी हमारे बीच ये दुनियां।।
जो रोज यूं ही मिलते रहें सरे-शाम आपसे
तो यकीनन एक दिन जुदा कर डालेगी दुनियां।।
बहुत सुंदर......
ReplyDeleteनई पोस्ट:- ठूंठ
बेहतरीन
ReplyDeleteसादर
रश्मि जी सरल पर सुन्दर रचना
ReplyDeleteसुंदर रचना
ReplyDeleteप्यार की ताकत अथाह होती है जो इस दुनियां की ताकत से कोसों आगे है.
ReplyDeleteबहुत उम्दा बहुत खूब.
आपके ब्लॉग पर आकर काफी अच्छा लगा।
अगर आपको अच्छा लगे तो मेरे ब्लॉग से भी जुड़ें।
http://rohitasghorela.blogspot.com
धन्यवाद !!
प्यार की ताकत अथाह होती है जो इस दुनियां की ताकत से कोसों आगे है.
ReplyDeleteबहुत उम्दा बहुत खूब
आपके ब्लॉग पर आकर काफी अच्छा लगा।
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धन्यवाद !!
agar waakai men piyaar ho to koi door nahi kar sakta ....par roj milna sambhaw nahi hota ....bahut piyaari rachna rashmi jee...
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