आंसू में
मुस्कराहट में
तन्हाई में
महफिल में
जिसकी जरूरत हर वक्त महसूस हो....
वह तो बस
एक दोस्त ही हो सकता है
जिसके होने के अहसास से
रौनक हो जाए
खिंजा का आलम भी
बहारों में बदल जाए....
जो दे सब कुछ तुम्हें
और बदले में कभी कुछ न चाहे
वह तो बस
एक दोस्त ही हो सकता है
6 comments:
सिर्फ़ अहसासों मे जी रही हूँ
जरूरी तो नही ना
मै भी औपचारिकता निभाऊँ
सुना है
दोस्ती के जज़्बे लफ़्ज़ों के मोहताज़ नही होते ………
सही कहा आपने एक सच्चा दोस्त बदले में कुछ पाने की आश नहीं रखता ..
सुंदर रचना !
sahi bat ...happy friendship day rashmi jee...
सच कहा है ... दोस्त वो अमानत है जो किस्मत वालों को मिलती है ...
बहुत सुन्दर...
मित्रता दिवस की शुभकामनाये
:-)
बहुत ही सुंदर रचना ,मित्रता दिवस की हार्दिक बधाई
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