Wednesday, June 13, 2012

तो क्‍या हुआ.....


उम्र भर तेरे साथ-साथ रहेगी
मेरी ये वफा
हमसफ़र न बन सके
तो क्‍या हुआ...
तेरी यादों को सीने से लगाए
जिंदगी कट ही जाएगी
तेरे सि‍वा कि‍सी और के न हो सके
तो क्‍या हुआ......

10 comments:

ANULATA RAJ NAIR said...

यही तो मोहब्बत है......................

अनु

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया said...

जिंदगी कट ही जाएगी
तेरे सि‍वा कि‍सी और के न हो सके
तो क्‍या हुआ......

यही तो प्रेम है,,,,,

MY RECENT POST,,,,,काव्यान्जलि ...: विचार,,,,

M VERMA said...

बहुत खूब

kunwarji's said...

क्या बात है....
बहुत सुन्दर विचार,

कुँवर जी,

दिगम्बर नासवा said...

जिंदगी यूं काटना आसान तो नहीं ... पर शायद कट ही जाए ...

संजय भास्‍कर said...

......इस उत्कृष्ट रचना के लिए ... बधाई स्वीकारें
आज आपके ब्लॉग पर बहुत दिनों बाद आना हुआ. अल्प कालीन व्यस्तता के चलते मैं चाह कर भी आपकी रचनाएँ नहीं पढ़ पाया. व्यस्तता अभी बनी हुई है लेकिन मात्रा कम हो गयी है...:-)

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

बहुत सार्थक प्रस्तुति!

S.M.HABIB (Sanjay Mishra 'Habib') said...

बहुत सुन्दर....
सादर.

Dr.NISHA MAHARANA said...

yahi to nihswarth pyar hai...jo kismat valon ko nasib hoti hai....

Darshan Darvesh said...

सारी नज्में एक साथ कैसे पढ़ी गयी | मैं नहीं जानता | पाठक को खीच लेना ही इनकी ताक़त है |