Thursday, December 15, 2011

आस....

तोड़ देना दि‍ल मगर
न तोड़ना मेरा वि‍श्‍वास कभी
बदल जाओ गर बदलना है मगर
न तोड़ना मेरी आस कभी....

6 comments:

ashokjairath's diary said...

कहाँ हैं आज कल
गगरी में ओशन
ऐसे कमाल करने वाली आप

खुश रहिये

vandana gupta said...

बहुत सुन्दर भाव्।

Nirantar said...

banaa rahe vishwaas
naa toote kabhee aas
duaa hamaaree hai
aapkee kalam se
nirantar nikalte rahein
sundar bhaav

कुमार संतोष said...

बहुत सुंदर!

आभार !!

Arun sathi said...

साधु-साधु

मेरा मन पंछी सा said...

khubsurat rachana....