Thursday, December 15, 2011

आस....

तोड़ देना दि‍ल मगर
न तोड़ना मेरा वि‍श्‍वास कभी
बदल जाओ गर बदलना है मगर
न तोड़ना मेरी आस कभी....

6 comments:

  1. कहाँ हैं आज कल
    गगरी में ओशन
    ऐसे कमाल करने वाली आप

    खुश रहिये

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  2. बहुत सुन्दर भाव्।

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  3. banaa rahe vishwaas
    naa toote kabhee aas
    duaa hamaaree hai
    aapkee kalam se
    nirantar nikalte rahein
    sundar bhaav

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