आंसुओं ने धोया
दिल का दर्द
या तुम्हारी बातों ने
पता नहीं...
मगर
तन्हा, उदास शाम में अब
एक मुस्कराहट सी फूटी है
तुम्हारी गैर-मौजूदगी का
होगा ऐसा असर
अब तक मालूम न था
ऐसी खाली-खाली सी थी फिजा
जैसे जिंदगी मुझसे रूठी है..।
बेमुरव्वत इश्क में
आंखों को धोखा होता है
नजरें उठती हैं जिधर भी
तुम ही तुम नजर आते हो
जानते हैं हम मगर
ये बात सारी झूठी है......।
दिल का दर्द
या तुम्हारी बातों ने
पता नहीं...
मगर
तन्हा, उदास शाम में अब
एक मुस्कराहट सी फूटी है
तुम्हारी गैर-मौजूदगी का
होगा ऐसा असर
अब तक मालूम न था
ऐसी खाली-खाली सी थी फिजा
जैसे जिंदगी मुझसे रूठी है..।
बेमुरव्वत इश्क में
आंखों को धोखा होता है
नजरें उठती हैं जिधर भी
तुम ही तुम नजर आते हो
जानते हैं हम मगर
ये बात सारी झूठी है......।
9 comments:
वाह ...बहुत ही बढि़या अच्छे शब्द संयोजन के साथ सशक्त अभिव्यक्ति।
संजय भास्कर
आदत....मुस्कुराने की
http://sanjaybhaskar.blogspot.com
Waah !! Khoobsurat rachna .
Yaaden badi satati hain.
Aabhaar....!!
बहुत डूब कर लिखा है।
ishq mein yaadein maar detee hein
हम इसे पढ़ रहे हैं और देव साहब के विषय में सोच रहे हैं ... आपकी कविता अकेले पढ़ी जा सकती ... अपनों के साथ पढ़ी जा सकती और सपनों के साथ पढ़ी जा सकती हैं ...लिखती रहें ... आशीर्वाद ...
इश्क में धोखा आम बात है ही
बहुत उम्दा!!
बेमुरव्वत इश्क में
आंखों को धोखा होता है
नजरें उठती हैं जिधर भी
तुम ही तुम नजर आते हो
Nice
mohabbat mein
nirantar aisaa hee
hotaa hai
jisne kiyaa wo
hee jaantaa hai
komal bhvo se saji sundar abhivykti.....
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