करो वादा अब
दिल पर हाथ रख के
यूं तन्हा शामों की
सौगात अब न दोगे....
रखोगे मुझे
सीने में छुपाकर
रोना पड़े जिसे सोचकर
मुझको कभी, ऐसे
ख्यालात अब न दोगे...
तेरी कमी सताए
हम राह तके और
कोई नजर न आए
जो आंखों ही आंखों में काटनी पड़े
वैसी रात अब न दोगे
लाख छुपाने से भी
छुपता नहीं हाल-ए-दिल
जमाने को हो जाए खबर
करो वादा ऐसे
हालात अब न दोगे......।
यूं तन्हा शामों की
सौगात अब न दोगे....
रखोगे मुझे
सीने में छुपाकर
रोना पड़े जिसे सोचकर
मुझको कभी, ऐसे
ख्यालात अब न दोगे...
तेरी कमी सताए
हम राह तके और
कोई नजर न आए
जो आंखों ही आंखों में काटनी पड़े
वैसी रात अब न दोगे
लाख छुपाने से भी
छुपता नहीं हाल-ए-दिल
जमाने को हो जाए खबर
करो वादा ऐसे
हालात अब न दोगे......।
14 comments:
क्या बात है....
वादा रहा :-) अच्छी और प्यारी कविता।
सुन्दर भाव
behad sundar....isse acca kuch nahi ho sakta
बहुत बढ़िया रचना
बेहतरीन लिखा है, अच्छे शब्द, दिल की बात कलम से
हर बार की तरह इस बार भी वही खूबसूरती ... वही आवेग ... और वही बहाव ...एक अधूरेपन की अनबूझी कहानी ... शिलाओं के भीतर से आती रौशनी ... लिखती रहिये ... प्यार और आशीर्वाद
वादों पर ज़िंदगी नहीं कटती .....
सुदर एहसास. आभार.
komal bhav sundar rachana
जो आंखों ही आंखों में काटनी पड़े
वैसी रात अब न दोगे
बहुत सुन्दर....
वाह! बहुत सुन्दर....
बेहतरीन अंदाज़..... सुन्दर
अभिव्यक्ति........
sunder rachna
Post a Comment