Friday, February 22, 2008

चांदनी रात में बरसात


क्यों हुई आज फि‍र
चांदनी रात में बरसात
हैं ये चांद के आंसू
या रोई है रात
कि‍सने कहा था फि‍जाओं से
तन्हाई की चादर बि‍छाने
देखो उदास हो कि‍तना
रोया है चांद

ऐ हवा
चल जरा
करा तो दे
अपने होने का अहसास
दे तसल्ली
देख तो
कि‍तनी भीगी है
यह रात।

1 comment:

Anonymous said...

bahut khubsurat
http://mehhekk.wordpress.com/