Tuesday, February 26, 2008

छुवन का मर्म

कैसे पि‍घलता है
स्‍पर्श से
सारा वजूद
कैसे लेती है
जन्‍म
पत्‍थरों में
नर्म दूब,

कैसे नि‍कलती है
हृदय की
पुकार से
मन में गड़ी फांस
बहुत आसानी से
समझा इनको
क्‍योंकि‍
तुम्‍हारी छुवन ने
इनका मर्म
समझा दि‍या हमें।

4 comments:

  1. जब मन में सिर्फ़ प्रेम हो कपट न हो, वह लम्स उम्रभर याद रहता है!

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